Diary Of Shayari - शायरी कि डायरी

Saturday, 15 June 2013

ख्वाब समझ कर उसने हमें भुला दिया

  • ख्वाब समझ कर उसने हमें भुला दिया मेरी चाहत का उसने क्या खूब सिला दिया, उसकी महफिल में थी तन्हाई का आलम.. अंधेरा दूर करने के लिए उन्होंने ... thumbnail 1 summary

    ख्वाब समझ कर उसने हमें भुला दिया
    मेरी चाहत का उसने क्या खूब सिला दिया,
    उसकी महफिल में थी तन्हाई का आलम..
    अंधेरा दूर करने के लिए उन्होंने हमें ही जला दिया.

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