Diary Of Shayari - शायरी कि डायरी

Monday, 29 April 2013

लम्हे जुदाई को बेकरार

  • लम्हे जुदाई को बेकरार करते हैं, हालत मेरे मुझे लाचार करते हैं, आँखे मेरी पढ़ लो कभी, हम खुद कैसे कहे की आपसे प्यार करते हैं. thumbnail 1 summary

    लम्हे जुदाई को बेकरार करते हैं,
    हालत मेरे मुझे लाचार करते हैं,
    आँखे मेरी पढ़ लो कभी,
    हम खुद कैसे कहे की आपसे प्यार करते हैं.

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