Diary Of Shayari - शायरी कि डायरी

Saturday, 27 April 2013

उल्फत की जंजीर से डर लगता हैं,

  • उल्फत की जंजीर से डर लगता हैं, कुछ अपनी ही तकदीर से डर लगता हैं, जो जुदा करते हैं, किसी को किसी से, हाथ की बस उसी लकीर से डर लगता हैं. thumbnail 1 summary

    उल्फत की जंजीर से डर लगता हैं,
    कुछ अपनी ही तकदीर से डर लगता हैं,
    जो जुदा करते हैं, किसी को किसी से,
    हाथ की बस उसी लकीर से डर लगता हैं.

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