Diary Of Shayari - शायरी कि डायरी

Thursday, 11 April 2013

Sad Shayri In Hindi Font

  • Like us on Facebook कितना दर्द है दिल में दिखाया नहीं जाता; गंभीर है किस्सा सुनाया नहीं जाता; एक बार जी भर के देख लो इस चहेरे को; क्योंक... thumbnail 1 summary
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    कितना दर्द है दिल में दिखाया नहीं जाता;
    गंभीर है किस्सा सुनाया नहीं जाता;
    एक बार जी भर के देख लो इस चहेरे को;
    क्योंकि बार-बार कफ़न उठाया नहीं जाता!

    अजीब था उनका अलविदा कहना !
    सुना कुछ नहीं और कहा भी कुछ नहीं !!
    कुछ यूँ बर्बाद हुवे उनकी मोहब्बत में !
    की लुटा कुछ नहीं और बचा भी कुछ नहीं .

    दिल के सारे अरमान ले जाते हैं !
    हम से हमारी पहचान ले जाते हैं !!
    बेपनाह न चाहना किसी को एय दोस्त !
    क्योकि जान कहने वाले ही जान ले जाते हैं !!

    ज़ख्म देने का अंदाज़ कुछ ऐसा हैं !
    ज़ख्म देकर पूछते हैं अब हाल कैसा हैं !!
    किसी एक से गिला क्या करना यारों !
    सारी दुनियाँ का मिजाज एक जैसा हैं !!

    मेरी चाहत ने उसे ख़ुशी दे दी !
    बदले में उसने मुझे सिर्फ खामौशी दे दी !!
    रब से दुवा मांगी मैंने मरने की.....!
    उसने भी तड़पने के लिए जिंदगी दे दी !!

    ताजमहल दर्द की इमारत हैं !
    जिसके निचे दफना किसी की मोहब्बत हैं !!
    खुदा बन्दों पे करम इतना करना....!
    किसी के मोहब्बत को पत्थर में दफन न
    करना !!

    हमारे लिए उनके दिल में चाहत न थी !
    किसी ख़ुशी में कोई दावत न थी.....!!
    मैंने अपना दिल उनके कदम में रख दिया !
    पर ज़मीन पर देखना उनकी आदत न थी !!

    जिसे याद करके ये दिल रो रहा हैं !
    वो मुझे तड़पता देख खुश हो रहा हैं !!
    चुरा के आँखों से नींद मेरी.....!
    वो रात को चैन से बेखबर सो रहा हैं !!

    वक़्त-ऐ-सफ़र करीब हैं बिस्तर समेट लूँ !
    बिखरा हुवा दर्द का दफ्तर समेट लूँ !!
    फिर जाने हैं मिले न मिले यारो !
    जो साथ तेरे बिताया वो मंज़र समेट लूँ !

    टूटे हुवे ज़ंजीर की फरियाद हैं हम !
    लोग कहते हैं की आज़ाद हैं हम....!!
    प्यार ने क्या दिया हमको आए दोस्तों !
    कल भी बर्बाद थे आज भी बर्बाद हैं हम !!

    किसी का दर्द जब हद से गुजर जाता हैं !
    समंदर का पानी आँखों में उतर आता हैं !!
    कोई तो बना लेता हैं रेत पर भी घर....!
    किसी का लहरों में सब कुछ बिखर जाता हैं !!

    खुशियों से नाराज़ हैं मेरी जिंदगी !
    प्यार की मोहताज़ हैं मेरी जिंदगी...!!
    हँस लेते हैं दुसरो को दिखाने के लिए !
    वर्ना दर्द की खुली किताब हैं
    मेरी जिंदगी !!

    जिसे याद करके ये दिल रो रहा हैं !
    वो मुझे तड़पता देख खुश हो रहा हैं !!
    चुरा के आँखों से नींद मेरी.....!
    वो रातों को चैन से बेखबर सो रहा हैं !!

    सुकून-ऐ-जान के लिए....
    सुकून-ऐ-जान के लिए दुवा कैसे करू !
    दर्द तो उसने दिया हैं, गिला कैसे करू !!
    सोचता हूँ कभी की मैं मर जाऊ....!
    लेकिन उनको जमाने में अकेला कैसे करू !!

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