Diary Of Shayari - शायरी कि डायरी

Saturday, 15 June 2013

वो आंसू जो पलकों की जन्नत नहीं बनते

  • वो आंसू जो पलकों की जन्नत नहीं बनते ! वो चुपके से दिल में उतर जाया करते हैं !! कुछ लोग दुखो की नुमाइश नहीं करते ! बस ख़ामोशी से ही बिखर जा... thumbnail 1 summary

    वो आंसू जो पलकों की जन्नत नहीं बनते !
    वो चुपके से दिल में उतर जाया करते हैं !!
    कुछ लोग दुखो की नुमाइश नहीं करते !
    बस ख़ामोशी से ही बिखर जाया करते हैं !!

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