Diary Of Shayari - शायरी कि डायरी

Saturday, 15 June 2013

ज़ख्म देने का अंदाज़ कुछ ऐसा हैं

  • ज़ख्म देने का अंदाज़ कुछ ऐसा हैं ! ज़ख्म देकर पूछते हैं अब हाल कैसा हैं !! किसी एक से गिला क्या करना यारों ! सारी दुनियाँ का मिजाज एक जैसा ... thumbnail 1 summary
    ज़ख्म देने का अंदाज़ कुछ ऐसा हैं !
    ज़ख्म देकर पूछते हैं अब हाल कैसा हैं !!
    किसी एक से गिला क्या करना यारों !
    सारी दुनियाँ का मिजाज एक जैसा हैं !!

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