Diary Of Shayari - शायरी कि डायरी

Sunday, 25 August 2013

Kya हास्य कविता है।

  • Laughing Poem... तवायफ की मांग में सिंदूर, लंगूर के हाथ में अंगूर। बगुले की चोंच में हीरा, ऊंट के मुहं में जीरा। बंदरों के पास कार, गधों ... thumbnail 1 summary

    Laughing Poem...
    तवायफ की मांग में सिंदूर, लंगूर के हाथ में अंगूर।
    बगुले की चोंच में हीरा, ऊंट के मुहं में जीरा।
    बंदरों के पास कार, गधों के हाथ में सरकार।...
    कैसे-कैसे कारनामे हो रहे हैं, और आप रजाई ओढ़ के सो रहे
    हैं।
    बोले प्रभु : मैं अपने काम में सिद्ध हस्त हूं, पर आजकल थोड़ा व्यस्त हूं।
    फिर भी दिन रात आगे बढ़ रहा हूं, फिलहाल तो चार- पांच केस लड़ रहा हूं।
    मैं बोल्यो- प्रभु ! महंगाई बहुत बढ़ रही है,
    Ajay Devgan की लोकप्रियता की तरह माथे पर चढ़ रही है।
    अक्षय कुमार की तरह ठंडा पीजिए और एक बार फिर अवतार लीजिए।
    बोले प्रभु : एक बार हम धरती पर विचरण करने निकले थे।
    दो नेताओं ने हमारी जेब काट ली,
    आधी-आधी दौलत दोनों पार्टियों ने बांट ली।
    ये कलयुग है यहां देवताओं का वास नहीं होता।
    ये दुनिया मैंने बनाई है विश्वास नहीं होता...

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