Diary Of Shayari - शायरी कि डायरी

Thursday, 28 November 2013

Ro ke muskurae aur kabhi muskura ke roe

  • कभी रो के मुस्कुराए , कभी मुस्कुरा के रोए, जब भी तेरी याद आई तुझे भुला के रोए, एक तेरा ही तो नाम था जिसे हज़ार बार लिखा, जितना लिख के खुश... thumbnail 1 summary

    कभी रो के मुस्कुराए , कभी मुस्कुरा के रोए,
    जब भी तेरी याद आई तुझे भुला के रोए,
    एक तेरा ही तो नाम था जिसे हज़ार बार लिखा,
    जितना लिख के खुश हुए उस से ज़यादा मिटा के रोए....

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