Diary Of Shayari - शायरी कि डायरी

Saturday, 3 May 2014

साथ में गुजारी हर वो शाम भूल गए

  • साथ में गुजारी हर वो शाम भूल गए, मोहब्बत वाली बातें तमाम भूल गए, कायनात में कायम बहुत कम ही रहते हैं अपने वादे पे, फिर भी गिला यही है कि ... thumbnail 1 summary

    साथ में गुजारी हर वो शाम भूल गए,
    मोहब्बत वाली बातें तमाम भूल गए,
    कायनात में कायम बहुत कम ही रहते हैं अपने वादे पे,
    फिर भी गिला यही है कि तुम मेरा नाम भूल गए...

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