Diary Of Shayari - शायरी कि डायरी

Thursday, 5 May 2016

Wo dhokha dete aur ham unhe mauka dete

  • समझ जाते थे हम उनके दिल की हर बात को, और वो हमें हर बार धोखा देते थे, लेकिन हम भी मजबूर थे दिल के हाथों, जो उन्हें बार-बार मौका देते थे!! thumbnail 1 summary

    समझ जाते थे हम उनके दिल की हर बात को,
    और वो हमें हर बार धोखा देते थे,
    लेकिन हम भी मजबूर थे दिल के हाथों,
    जो उन्हें बार-बार मौका देते थे!!

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