Diary Of Shayari - शायरी कि डायरी

Saturday 1 October 2016

Hasta hu Gam chupane ke liye

  • Sad alone boy जब भी करीब आता हूँ बताने के लिये, जिंदगी दूर रखती हैं सताने के लिये, महफ़िलों की शान न समझना मुझे, मैं तो अक्सर हँसत... thumbnail 1 summary
    Sad alone boy

    जब भी करीब आता हूँ बताने के लिये,
    जिंदगी दूर रखती हैं सताने के लिये,
    महफ़िलों की शान न समझना मुझे,
    मैं तो अक्सर हँसता हूँ गम छुपाने के लिये.

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