Diary Of Shayari - शायरी कि डायरी

Saturday, 15 June 2013

वो दिल की हालात से अनजान न था

  • वो दिल की हालात से अनजान न था इसी घर का था, मेहमान न था ! जिसके दम से थी रौनक वो कही और जा बसा वर्ना हारा घर इतना वीरान न था. thumbnail 1 summary

    वो दिल की हालात से अनजान न था
    इसी घर का था, मेहमान न था !
    जिसके दम से थी रौनक वो कही और जा बसा
    वर्ना हारा घर इतना वीरान न था.

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