Diary Of Shayari - शायरी कि डायरी

Saturday, 15 June 2013

समझ सका न कोई मेरे दिल को

  • समझ सका न कोई मेरे दिल को ये दिल यूँ ही नादान रह गया , मुझे कोई गम नहीं इस बात का अफसोस हैं की मेरा यार भी मुझसे अंजान रह गया thumbnail 1 summary

    समझ सका न कोई मेरे दिल को
    ये दिल यूँ ही नादान रह गया ,
    मुझे कोई गम नहीं इस बात का
    अफसोस हैं की मेरा यार भी मुझसे अंजान रह गया

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