Diary Of Shayari - शायरी कि डायरी

Saturday, 15 June 2013

सुकून-ऐ-जान के लिए दुवा कैसे करू

  • सुकून-ऐ-जान के लिए दुवा कैसे करू दर्द तो उसने दिया हैं, गिला कैसे करू, सोचता हूँ कभी की मैं मर जाऊ लेकिन उनको जमाने में अकेला कैसे करू...... thumbnail 1 summary

    सुकून-ऐ-जान के लिए दुवा कैसे करू
    दर्द तो उसने दिया हैं, गिला कैसे करू,
    सोचता हूँ कभी की मैं मर जाऊ
    लेकिन उनको जमाने में अकेला कैसे करू....?

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