Diary Of Shayari - शायरी कि डायरी

Saturday, 15 June 2013

मैं खुद ज़मीन मेरा दिल आसमान का हैं..

  • मैं खुद ज़मीन मेरा दिल आसमान का हैं टूट के भी मेरा हौसला चट्टान का हैं, बिछर के मैं उनसे इसलिए नहीं रोया वो कह गयी थी ये वक़्त इम्तहान का... thumbnail 1 summary

    मैं खुद ज़मीन मेरा दिल आसमान का हैं
    टूट के भी मेरा हौसला चट्टान का हैं,
    बिछर के मैं उनसे इसलिए नहीं रोया
    वो कह गयी थी ये वक़्त इम्तहान का हैं.

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